Holy Scriptures

Wednesday, July 15, 2020

What are the benefits of Nag Panchami Puja?

नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है। नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने या प्रत्यूर्जता से उनकी मृत्यु हो जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं।
आधिकारिक नाम   - नाग पंचमी व्रत
    अनुयायी          - हिन्दू, भारतीय, भारतीय  
  प्रवासी  प्रकार     - हिन्दू
उद्देश्य                 -सर्वकामना पूर्ति

नागपंचमी के ही दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुश्ती का आयोजन होता है जिसमें आसपास के पहलवान भाग लेते हैं। गाय, बैल आदि पशुओं को इस दिन नदी, तालाब में ले जाकर नहलाया जाता है। इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है।


शास्त्र विधि विरुद्ध साधना पतन का कारण

पवित्र गीता अध्याय 9 के श्लोक 23, 24 में कहा है कि जो व्यक्ति अन्य देवताओं को पूजते हैं वे भी मेरी (काल जाल में रहने वाली) पूजा ही कर रहे हैं। परंतु उनकी यह पूजा अविधिपूर्वक है(अर्थात् शास्त्रविरूद्ध है भावार्थ है कि अन्य देवताओं को नहीं पूजना चाहिए)। क्योंकि सम्पूर्ण यज्ञों का भोक्ता व स्वामी मैं ही हूँ। वे भक्त मुझे अच्छी तरह नहीं जानते। इसलिए पतन को प्राप्त होते हैं। नरक व चैरासी लाख जूनियों का कष्ट। जैसे गीता अध्याय 3 श्लोक 14-15 में कहा है कि सर्व यज्ञों में प्रतिष्ठित अर्थात् सम्मानित, जिसको यज्ञ समर्पण की जाती है वह परमात्मा (सर्व गतम् ब्रह्म) पूर्ण ब्रह्म है। वही कर्माधार बना कर सर्व प्राणियों को प्रदान करता है। परन्तु पूर्ण सन्त न मिलने तक सर्व यज्ञों का भोग(आनन्द) काल (मन रूप में) ही भोगता है, इसलिए कह रहा है कि मैं सर्व यज्ञों का भोक्ता व स्वामी हूँ।
मनुष्य जीवन का मुख्य उदेश्य मोक्ष प्राप्ति है - पूर्ण सतगुरु रामपाल जी महाराज
ये मनुष्य जीवन हमे पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब की भक्ति करने के लिए प्राप्त हुआ है। इस मनुष्य का एक मात्र उदेश्य मोक्ष की प्राप्ति है। सर्व पवित्र ग्रन्थों का सार येही है की एक पूर्ण संत से नाम दीक्षा प्राप्त कर के इस जनम मृत्यु के रोग से मुक्ति पानी चाहिए। पूर्ण संत की यह पहचान है की वो तीन नाम तीन चरण में देता है और उसको ये नाम दान देने की अनुमति होती है।

सतगुरु रामपाल जी महाराज विश्व में एक मात्र संत हैं जो की अपने शिष्यो को सत्नाम दे कर मोक्ष की प्राप्ति करवा सकते हैं।

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Wednesday, July 8, 2020

What is the education ?

शिक्षा का सही अर्थ

आदरणीय अब्दुल कलम पूर्व राष्ट्रपति द्वारा-
शिक्षा से मानव का व्यक्तित्व संपूर्ण, विनम्र और
संसार के लिए उपयोगी बनता है। सही शिक्षा से
मानवीय गरिमा, स्वाभिमान और विश्व बंधुत्व में
बढ़ोतरी होती है। अंतत: शिक्षा का उद्देश्य है-सत्य
की खोज। इस खोज का केंद्र अध्यापक होता है, जो अपने विद्यार्थियों को शिक्षा के माध्यम से जीवन में और
व्यवहार में सच्चाई की शिक्षा देता है।
छात्रों को जो भी कठिनाई होती है,
जो भी जिज्ञासा होती है, जो वे जानता चाहते हैं, उन
सबके लिए वे अध्यापक पर ही निर्भर रहते हैं।
यदि शिक्षक के मार्गदर्शन में प्रत्येक
व्यक्ति शिक्षा को उसके वास्तविक अर्थ में ग्रहण कर
मानवीय गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में उसका प्रसार
करता है तो मौजूदा 21वीं सदी में दुनिया काफी सुंदर
हो जाएगी। 
आज की युवा पीढ़ी ऐसी शिक्षा प्रणाली चाहती है
जो उसके खोजी और सृजनशील मन को सबल बनाने के साथ-साथ उसके सामने चुनौती प्रस्तुत करे। देश
का भविष्य उन पर टिका हुआ है। वे वर्तमान में
शिक्षा प्रणाली के संबंध में सोच-विचार करना चाहते
हैं।
 एक अच्छी शिक्षा प्रणाली में ऐसी क्षमता होनी चाहिए जो छात्रों की ज्ञान प्राप्ति की तीव्र जिज्ञासा को शांत कर सके।
शैक्षणिक संस्थानों को ऐसे पाठ्यक्रम बनाने के लिए खुद
को तैयार करना चाहिए जो विकसित भारत
की सामाजिक और प्रौद्योगिकी संबंधी आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हाें। वर्तमान पाठ्यक्रम में विकास
कार्यो की गतिविधियों को अनिवार्यत: स्थान
दिया जाना चाहिए ताकि ज्ञान समाज
की भावी पीढ़ी पूरी तरह से सामाजिक परिवर्तन के
सभी पहलुओं के अनुकूल हो सके।
विज्ञान मानवता को ईश्वर का सबसे बड़ा वरदान है।
तर्क-आधारित विज्ञान समाज की पूंजी है। हम
विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, राजनीति,
नीति-निर्माण, धर्मशास्त्र, न्याय जैसे किसी क्षेत्र में
कार्यरत रहें, हमें आम लोगों की सेवा करनी ही होगी,
क्योंकि ज्ञान और सभी प्रकार के कार्यो का मूलमंत्र
मानव-कल्याण है। विज्ञान के अंतर्गत जिज्ञासा प्रकट
की जाती है और प्रकृति के नियमों में कठिन परिश्रम
और अनुसंधान से उन जिज्ञासाओं का निदान
ढूंढा जाता है। 
विज्ञान एक रोमांचकारी विषय है और
एक वैज्ञानिक के लिए समूचे जीवन का मिशन। विज्ञान
में निपुण होने के लिए गणित का ज्ञान आवश्यक है।
गणित और विज्ञान के संयोग से एक
दीप्ति पैदा होती है। जरूरी यह होता है कि सिद्धांत
को सामने रख कर प्रयोग किया जाए। जो प्रश्न
छात्रों के मन में विज्ञासा उन्पन्न करते हैं और यदि वे
विज्ञान से जुडे़ हैं तो छात्र विज्ञान की ओर आकर्षित
होते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में प्रगति से
दुनिया सिमट गई है। दुनिया की वास्तविक जटिल
समस्याओं के निदान के लिए दुनिया के वैज्ञानिकों के
बीच तालमेल होना अनिवार्य है। 
प्राचीन काल में भारत को शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान और दर्शन का गढ़ माना जाता था, किंतु कुछ दशकों से भारत के वैज्ञानिकों का रुख पूर्व से पश्चिम की ओर हो गया है। देर से ही सही, पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक फिर भारत की ओर आकृष्ट होने लगे हैं। हमें भारत को विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में श्रेष्ठता का केंद्र बनाने के लिए और श्रम करना होगा। 
भारत 2020 तक अपने-आपको एक विकसित राष्ट्र बनाने के मिशन में जुटा हुआ है। जिस संसाधन के बल पर यह मकसद हासिल होगा वे हैं पच्चीस वर्ष से कम उम्र के देश के देश के 54 करोड़ नौजवान।
बच्चे और युवक किसी देश के भविष्य की तस्वीर होते हैं।
हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण, सशक्त और संसाधनों से भरा हुआ वर्ग युवकों का है जिनमें आसमान
की बुलंदियों का छू लेने की आकांक्षा धधक रही है।
यदि उनकी ऊर्जा को सही दिशा दी जाए तो उससे
ऐसी गतिशीलता पैदा होगी जो राष्ट्र को विकास के
तेज वाहन में दौड़ा देगी। युवकों को अपनी योजना और
विकास प्रक्रिया का केंद्र बिंदु मानते हुए हमें इस
बहुमूल्य मानव संसाधन की देखरेख करने
की आवश्यकता है। 
मैंने भारतीय और विदेशी बच्चों से
बातचीत के दौरान देखा कि उनमें एक जैसी आकांक्षा है
और वह है- शांतिपूर्ण, खुशहाल, सुरक्षित देश में
जिंदगी जीना।
 सृजनशीलता मानव-चिंतन का आधार है।
चाहे कितनी भी गति और स्मृति वाले कंप्यूटर बन जाएं,
मानव चिंतन का स्थान हमेशा सबसे ऊपर रहेगा।
सृजनशीलता जैसा गुण इंसान में सदा मौजूद रहेगा और
प्रौद्योगिकी से प्राप्त होने
वाली गणना क्षमता जैसा मजबूत हथियार इंसान के
पास होगा। उसका उपयोग वह इस दुनिया को और
खूबसूरत बनाने की अपनी योजना को साकार करने में
करेगा।
पूर्ण संत की विचार शक्ति
  🙏🚨🌹🚨🙏

संत रामपाल दास जी द्वारा बताया सर्व ज्ञान तथा सर्व साधना व भक्ति का ज्ञान शास्त्रोक्त है।
यही कारण है कि संत रामपाल दास जी के अनुयाईयों को परमात्मा की भक्ति से सर्व लाभ मिल रहे हैं जो शास्त्राविरूद्ध साधकों को नहीं मिलते। जिस कारण से इनके अनुयाईयों की सँख्या में अद्वितीय वृद्धि हो रही है। 
    संत रामपाल जी के विचारों से मानव समाज में सुधार आएगा। गिरती मानवता का उत्थान होगा। देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा। सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे। रेप व यौन उत्पीड़न की घटनाऐं समूल नष्ट हो जाएंगी।
   
 रेप (बलात्कार), यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए भारत सरकार तथा राज्य सरकारों ने भी सख्त कानून बनाए हैं। मौत तथा आजीवन कारावास तक प्रावधान किया है। अच्छी बात है। कानून भी काम करता है, परंतु नहीं लगता है कि सख्त कानून से यौन अपराध कम हो जाऐंगे। ये महज सरकार का जनता को शांत करने का उपाय है। 
    
 जैसे हत्या के अपराधी को मौत तथा आजीवन जेल की सजा का प्रावधान है, परंतु प्रतिवर्ष हत्या के अपराध बढ़ रहे हैं। हमारा मानना है कि कानून कमजोर वर्ग पर ही लागू होता है क्योंकि बड़े लोग कानून की गिरफ्त से बच जाते हैं। मुकदमा दर्ज तक नहीं होता। ऐसे अपराध उन बड़े लोगों के बच्चे ही करते हैं। कानून से अधिक भय समाज का होता है। समाज के भय से भी व्यक्ति बुराईयों से डरता है क्योंकि उसको पता होता है कि तुझे समाज में रहना है। सत्संग के अभाव से मानव समाज में ही धार्मिक विचारों की कमी हो रही है। जो आज जवान हैं, वे ही वृद्ध होकर बड़े-बूढ़े कहलाऐंगे। उनके पास ही आध्यात्मिक विचार नहीं होंगे तो वे बच्चों को क्या शिक्षा देंगे। परंतु जब मानव (स्त्री/पुरूष) को परमात्मा के विधान का ज्ञान होगा, तब वह सर्व पापों से बचेगा। अपराध करना विष (जहर) खाने के तुल्य समझेगा।
 
  वह संत रामपाल दास जी महाराज के सत्संगों से हो सकता है। सत्संग के माध्यम से अच्छे विचार जनता को सुनने को मिलेंगे तो इस समस्या का समाधान पूर्ण रूप से हो जाएगा। संत रामपाल दास जी महाराज द्वारा दिए जा रहे सत्संग-विचार के वचनों का जादुई प्रभाव पड़ता है।

🌹🙏🌹
अवश्य देखें संत रामपाल जी के मंगल प्रवचन 
साधना टी. वी. पर शाम 7:30 बजे। 🙏🙏🙏

Wednesday, July 1, 2020

Who is the true God?

  Who is the Supreme God


God can forgive your sins - 
Yajur Veda Adhyay 8 Mantra 13
Almighty God Kabir can forgive the sins of His worshipper. He even forgives/destroys the most heinous sins. 

Holy Bible proves that Supreme God is Almighty God Kabir 🙏
But no one despises Him
Because always comes here in another form
For more information watch 👀 Sadhna TV 7:30 PM everyday
In the Holy Quran Sharif, Lord Sashir is and his name is Kabir Surat Furqani 25 verses 52 to 59, it is written that Kabir God created the universe in six days and visited the throne on the seventh day. Please watch Sadhana on TV from 7:30 to 8:30 PM. 
The divine is a warm and is the same as the Lord King (Yanturized Chapter 5, Mantra 1, 6, 8, Yazurveda Chapter 1, Mantra 15, Yazurveda Chapter 7 Mantra 39, Rig Weddin 


Kabir God is the enemy of sin, sins are destroyers. Kabir God is the bringer of complete peace - Yajurveda Chapter 5 Mantra 32
Must Watch 👇👇
Sadhana TV 7.30 to 8.30

What are the benefits of Nag Panchami Puja?

नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इ...