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Thursday, May 14, 2020

गांव का शिक्षा स्तर

हमारे देश में शिक्षा का बहुत ज्यादा महत्व है। शिक्षा के बिना कुछ भी संभव नहीं है।

शिक्षा के द्वारा इंसान अपने जीवन का बदलाव कर सकता है क्योंकि शिक्षा वह हथियार है जो हमारे देश के विकास के लिए संभव है।

बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलने पर वे अपने सपने पूरे कर सकते है जैसे कि डॉक्टर , इंजीनियर , इनकम टेक्स ऑफिसर ,आईएएस , वैज्ञानिक आदि क्षेत्रो में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

भारत के गांवों की शिक्षा बहुत ज्यादा दुरस्त है।
 वर्तमान में गांव की स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को देखा जाए तो गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है।

वर्तमान में गांव के स्कूल में शिक्षक की समय पर नहीं आते हैं तथा बच्चों पर ध्यान नहीं देते हैं  ना ही उनको दूसरों का सम्मान करना सिखाते हैं।

तथा वर्तमान में गांव की स्कूलों के क्या हालात है यह सभी लोग जानते हैं इसलिए सरकार से विनती है कि वह गांव के स्कूलों को चेक करें तथा शिक्षकों से यही विनती है कि वह समय पर स्कूल में जाए तथा बच्चों को अच्छी शिक्षा दें जैसे कि शहर के विद्यालयों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल पाती है उसी प्रकार गांव के स्कूलों के बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे वह अपने सपने पूरे कर सकें का देश के विकास के लिए अपना योगदान दे सकें तथा गांव का उसके साथ अपने देश का भी नाम रोशन करें।
प्रारंभिक शिक्षा को देखते हुए गांव के स्कूलों को भी शहरों के स्कूलों की तरह सुविधा मिलनी चाहिए तथा उन्हें सम्मान अवसर दिया जाना चाहिए जिससे गांव के स्कूलों के बच्चों की भी सभी सपने पूरे करने की इच्छा पूरी हो सके तथा उन्हें सम्मान सुविधा दी जानी चाहिए तथा सम्मान शिक्षा का स्तर रखना चाहिए।
जिससे बच्चों की कुछ करने की चाहत बढ़े।

हमारे देश की शिक्षा का नारा यह है कि " पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया" यह नारा तभी पूरा होगा जब गांव के प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को शहरों के स्कूलों के बच्चों की तरह सम्मान अवसर तथा सम्मान सुविधाएं दी जाएगी।

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